Delhi Building Collapse: दिल्ली में दर्दनाक हादसा, तीन मंजिला इमारत गिरी; मलबे से 4 लोगों को निकाला गया, कई अब भी फंसे हुए

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हादसे की पूरी जानकारी

Delhi Building Collapse के एक घनी आबादी वाले इलाके में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक तीन मंजिला इमारत अचानक भरभरा कर गिर पड़ी। यह भयावह हादसा दोपहर करीब 3:30 बजे हुआ जब इलाके में रोजमर्रा की गतिविधियां चल रही थीं। मलबे में दबे लोगों की चीख-पुकार ने पूरे मोहल्ले को दहला दिया। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी।

कहां हुआ हादसा?

यह हादसा दिल्ली के पुरानी दिल्ली क्षेत्र के सुभाष नगर इलाके में हुआ। यह इलाका संकरी गलियों और पुरानी इमारतों के लिए जाना जाता है। जिस बिल्डिंग के गिरने की खबर है, वह करीब 40 साल पुरानी बताई जा रही है।

कितने लोग फंसे?

अब तक मलबे से 4 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इन सभी को नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब भी 6 से 8 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

NDRF और दमकल विभाग की मुस्तैदी

हादसे की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 6 गाड़ियां और NDRF की एक टीम मौके पर पहुंच गई। स्थानीय पुलिस ने इलाके को घेर लिया और भीड़ को हटाकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

NDRF की टीमों ने विशेष उपकरणों की मदद से मलबे को हटाना शुरू किया है। रातभर ऑपरेशन चलने की संभावना है क्योंकि इलाके में अंधेरा और संकरी गलियां रेस्क्यू में बाधा बन रही हैं।

स्थानीय लोगों की मदद

इलाके के स्थानीय लोगों ने भी रेस्क्यू टीम की भरपूर मदद की। कई लोगों ने फावड़े, बाल्टी और रस्सियों से मलबा हटाने में योगदान दिया। महिलाओं और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

हादसे का कारण क्या?

जर्जर इमारत और बारिश की मार

हादसे के पीछे प्राथमिक कारण इमारत की जर्जर स्थिति बताई जा रही है। बिल्डिंग पुरानी थी और हाल ही में हुई लगातार बारिश ने इसकी नींव को कमजोर कर दिया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि इमारत में दरारें पहले से ही दिखाई दे रही थीं, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

प्रशासन की लापरवाही

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि उन्होंने नगर निगम को कई बार इमारत की स्थिति को लेकर सूचित किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का एक और उदाहरण बन गया है।

पीड़ितों की स्थिति

अस्पताल में भर्ती लोग

मलबे से निकाले गए चार लोगों में दो महिलाएं, एक बच्चा और एक वृद्ध व्यक्ति शामिल हैं। इन सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार इनका इलाज कर रही है।

परिजनों की पीड़ा

मलबे में फंसे लोगों के परिजन अस्पताल और घटनास्थल के बीच चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही और प्रशासन से कोई समुचित सहयोग नहीं हो रहा।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री का बयान

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के निर्देश दिए हैं और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है।

नगर निगम का स्पष्टीकरण

नगर निगम अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें इस इमारत की स्थिति की कोई जानकारी नहीं थी। अब जांच की जाएगी कि क्या बिल्डिंग को पहले ही खतरनाक घोषित किया गया था और क्या नोटिस दिया गया था।

हादसे से सबक

पुरानी इमारतों की सुरक्षा की अनदेखी

दिल्ली जैसे महानगर में कई इलाके ऐसे हैं जहां पुरानी और जर्जर इमारतें आज भी खड़ी हैं। इन पर समय-समय पर सर्वे और मरम्मत की जरूरत होती है, लेकिन संबंधित विभाग इस पर ध्यान नहीं देते।

ज़रूरत है एक ठोस नीति की

शहर में रह रही बड़ी आबादी को सुरक्षित रखने के लिए एक सख्त बिल्डिंग सर्वे पॉलिसी की जरूरत है। जहां इमारतें 30 साल से पुरानी हैं, वहां सालाना जांच और मरम्मत अनिवार्य की जानी चाहिए।

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निष्कर्ष

दिल्ली का यह हादसा सिर्फ एक इमारत गिरने की घटना नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी है कि हम अब भी पुराने और कमजोर ढांचों में रहकर खतरे को आमंत्रित कर रहे हैं। मलबे से लोगों को निकालने का कार्य जारी है, लेकिन कई परिवारों का जीवन बदल चुका है। प्रशासन, नगर निगम और आम नागरिक—सभी की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे हादसे भविष्य में ना हों। वक्त आ गया है कि हम अपनी पुरानी सोच और लापरवाही को छोड़कर एक सुरक्षित शहर के निर्माण की ओर बढ़ें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. इस हादसे में कितने लोगों की जान गई?

अब तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। 4 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और कई अब भी मलबे में फंसे हैं।

Q2. क्या यह इमारत खतरनाक घोषित की गई थी?

स्थानीय लोगों का दावा है कि इमारत में दरारें थीं और उन्होंने इसकी सूचना नगर निगम को दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

Q3. क्या घायलों को मुआवजा मिलेगा?

मुख्यमंत्री ने घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है। मुआवजे को लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

Q4. रेस्क्यू ऑपरेशन कब तक चलेगा?

रेस्क्यू ऑपरेशन रातभर जारी रहने की संभावना है क्योंकि अभी भी कुछ लोग मलबे में फंसे हुए हैं।

Q5. क्या अन्य इमारतों की भी जांच की जाएगी?

हां, नगर निगम ने कहा है कि आसपास की इमारतों की भी जांच की जाएगी और जो भी जर्जर पाई जाएंगी, उन्हें खाली कराया जाएगा।

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