Mahakumbh 2025 Live Updates: महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब कम होने का नाम नहीं ले रहा. सोमवार को भी करीब 1.35 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई. अब तक 54.31 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. रेलवे महाकुंभ से श्रद्धालुओं को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चला रहा है. उधर, महाकुंभ के ऊपर से हर घंटे 8 से ज्यादा विमान उड़ रहे हैं. ये खास सुविधा एयरलाइंस कंपनियों ने अपने यात्रियों को हवाई दर्शन कराने के लिए दी है.
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 अपने चरम पर है, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। अब तक 54 करोड़ से अधिक भक्त पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इस विशाल आयोजन में आम जनता के साथ-साथ कई प्रसिद्ध हस्तियां भी शामिल हो रही हैं। हाल ही में, मशहूर अभिनेत्री जूही चावला ने भी संगम में स्नान कर अपनी आस्था प्रकट की।
Mahakumbh 2025 Live Updates

महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हुई, जो 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण स्नान तिथियों पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान कर रहे हैं। माघ पूर्णिमा (12 फरवरी) के अवसर पर भी भारी संख्या में भक्तों ने पवित्र डुबकी लगाई। आयोजन समिति के अनुसार, अब तक कुल 54 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में शामिल हो चुके हैं, जो इस आयोजन की भव्यता और महत्व को दर्शाता है।
जूही चावला का महाकुंभ में आगमन
अभिनेत्री जूही चावला ने भी महाकुंभ 2025 में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया और अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इस अनुभव को साझा किया। जूही ने लिखा, “प्रयागराज के महाकुंभ में संगम में स्नान करना एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव है।” उनकी इस पहल ने उनके प्रशंसकों और अन्य लोगों को भी महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है।
महाकुंभ 2025 की प्रमुख स्नान तिथियां
महाकुंभ के दौरान कुछ प्रमुख स्नान तिथियां होती हैं, जिन्हें शाही स्नान कहा जाता है। इन तिथियों पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। निम्नलिखित शाही स्नान तिथियां इस प्रकार हैं:
- मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025): पहला शाही स्नान
- मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025): दूसरा शाही स्नान
- बसंत पंचमी (3 फरवरी 2025): तीसरा शाही स्नान
- माघ पूर्णिमा (12 फरवरी 2025): महत्वपूर्ण स्नान तिथि
- महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025): अंतिम प्रमुख स्नान
इन तिथियों पर संगम में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है, और लाखों श्रद्धालु इन अवसरों पर प्रयागराज पहुंचते हैं।
प्रशासन की तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। सुरक्षा के मद्देनजर मेले क्षेत्र में हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष मार्गदर्शन और सूचना केंद्र स्थापित किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
महाकुंभ का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी है। यहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, योग सत्र, और धार्मिक प्रवचन आयोजित किए जाते हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करते हैं। साथ ही, विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों की उपस्थिति मेले की शोभा बढ़ाती है और भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करती है।
महाकुंभ 2025: एक वैश्विक आकर्षण
महाकुंभ 2025 न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि विदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक बड़ा आकर्षण है। दुनिया भर से लाखों लोग इस आयोजन में भाग लेने आते हैं, जिससे यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बनता है। इससे न केवल आध्यात्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 एक ऐसा आयोजन है, जो आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता का संगम है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़, प्रसिद्ध हस्तियों की भागीदारी, और प्रशासन की उत्कृष्ट व्यवस्थाएं इसे सफल बना रही हैं। यदि आप भी इस अद्वितीय अनुभव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो महाकुंभ 2025 में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करें और भारतीय संस्कृति की इस महान धरोहर का साक्षात्कार करें।
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