Team India Support Staff कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एक बार फिर स्पष्ट संकेत दे दिया है कि टीम इंडिया के प्रदर्शन और अनुशासन से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। इस बार बोर्ड ने टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ पर बड़ी कार्रवाई करते हुए गौतम गंभीर के करीबी अभिषेक नायर समेत चार सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
यह कदम ऐसे वक्त में आया है जब भारतीय क्रिकेट नई संरचना और विजन के साथ आगे बढ़ना चाहता है, जिसमें खिलाड़ी तो अहम हैं ही, लेकिन बैकएंड सपोर्ट स्टाफ की भूमिका भी निर्णायक मानी जाती है।
क्या है पूरा मामला? : Team India Support Staff
अभिषेक नायर और उनकी भूमिका
अभिषेक नायर को टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच के रूप में देखा जा रहा था। नायर ने घरेलू क्रिकेट में भले ही अच्छा प्रदर्शन किया हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका अनुभव और कोचिंग क्षमता BCCI के मानकों पर खरा नहीं उतर पाया। यही वजह रही कि सौराष्ट्र के पूर्व क्रिकेटर सितांशु कोटक को अब बल्लेबाजी कोच की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
अन्य प्रभावित स्टाफ
इसके साथ ही, तीन और सदस्यों को भी बाहर किया गया है:
- रयान टेन डोशेट (फील्डिंग कोच)
- मोर्ने मोर्कल (गेंदबाजी कोच)
- अन्य सहयोगी स्टाफ जो कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के साथ गंभीर के कार्यकाल के दौरान जुड़े थे।
इन सभी पर आरोप है कि वे BCCI के प्रोटोकॉल्स और अनुशासन के अनुरूप नहीं चल रहे थे।
BCCI की नाराज़गी के प्रमुख कारण
1. गौतम गंभीर की नियुक्तियों पर प्रश्नचिन्ह
गंभीर ने कोच बनने के तुरंत बाद अपने भरोसेमंद लोगों को सपोर्ट स्टाफ में जगह दिलवाई। लेकिन इन नियुक्तियों में पारदर्शिता की कमी दिखी, और उनका प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा।
2. खिलाड़ियों और स्टाफ में टकराव
टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने बोर्ड को यह जानकारी दी कि सपोर्ट स्टाफ के कई सदस्य प्रोफेशनल नहीं हैं और मैदान से अधिक व्यक्तिगत प्रचार में व्यस्त हैं।
3. नियमों का उल्लंघन
BCCI को यह भी पता चला कि कुछ सपोर्ट स्टाफ अभ्यास सत्रों के दौरान गैरहाजिर रहते हैं और खिलाड़ियों के साथ समय नहीं बिता रहे हैं।
सपोर्ट स्टाफ में बदलाव: नए चेहरे
BCCI ने इस कार्रवाई के बाद एक नई संरचना लागू करने का फैसला लिया है:
पद | पूर्व स्टाफ | नए स्टाफ |
---|---|---|
बल्लेबाजी कोच | अभिषेक नायर | सितांशु कोटक |
गेंदबाजी कोच | मोर्ने मोर्कल | (स्थायी नियुक्ति जल्द) |
फील्डिंग कोच | रयान टेन डोशेट | (स्थायी नियुक्ति जल्द) |
BCCI की नई 10-सूत्रीय गाइडलाइन
- खिलाड़ी और स्टाफ को टीम के साथ पूरा समय बिताना अनिवार्य।
- व्यक्तिगत सोशल मीडिया ब्रांडिंग पर नजर।
- टीम के साथ जुड़े निजी सहायकों पर पाबंदी।
- BCCI द्वारा स्वीकृत प्रायोजक ही अनुमति योग्य।
- विज्ञापन शूट्स की संख्या सीमित।
- सभी स्टाफ को प्री-टूर ब्रीफिंग में शामिल होना आवश्यक।
- घरेलू क्रिकेट में भागीदारी जरूरी।
- मानसिक स्वास्थ्य और फिटनेस टेस्ट अनिवार्य।
- तकनीकी स्टाफ की योग्यता की जांच।
- प्रदर्शन समीक्षा हर तीन महीने में।
खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
विराट कोहली:
“पेशेवर माहौल बनाए रखना बेहद जरूरी है। बदलाव जरूरी था।”
रोहित शर्मा:
“टीम के हित में अगर सख्त कदम लिए गए हैं तो वह स्वागत योग्य है।”
क्या इसका असर प्रदर्शन पर पड़ेगा?
संभवतः हां। जब टीम में अनुशासन, पारदर्शिता और समर्पण का माहौल होता है, तो उसका सीधा असर प्रदर्शन पर दिखता है। BCCI का यह कदम यही संकेत देता है कि अब सिर्फ खिलाड़ियों से ही नहीं, बल्कि पूरे सपोर्ट स्टाफ से भी वही समर्पण और दक्षता की उम्मीद की जा रही है।
आगे की संभावनाएं
- गंभीर की भूमिका: भले ही सपोर्ट स्टाफ में कटौती हुई है, लेकिन मुख्य कोच के रूप में गंभीर अभी भी बोर्ड के विश्वास पर खरे उतरे हैं। उनके नेतृत्व में टीम की रणनीति में आक्रामकता जरूर बढ़ी है।
- अन्य नियुक्तियां: आने वाले महीनों में नए और अनुभवी कोचिंग स्टाफ की नियुक्तियां की जाएंगी। भारतीय क्रिकेट में अब केवल नाम नहीं, काम की मांग है।
- द्रविड़ युग बनाम गंभीर युग: जहां राहुल द्रविड़ ने शांति और संयम के साथ टीम को नेतृत्व दिया, वहीं गंभीर आक्रामक सोच और व्यावसायिक अनुशासन की मांग कर रहे हैं।
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निष्कर्ष
BCCI का यह सख्त कदम दिखाता है कि अब क्रिकेट सिर्फ मैदान पर नहीं, टीम के संचालन में भी प्रोफेशनलिज़्म की जरूरत है। अभिषेक नायर, डोशेट और मोर्कल जैसे नामों को बाहर का रास्ता दिखाना आसान नहीं था, लेकिन यह एक स्पष्ट संकेत है कि अब “अपने” लोगों को लाने की संस्कृति को समाप्त किया जा रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या अभिषेक नायर को स्थायी रूप से बर्खास्त किया गया है?
उत्तर: हां, फिलहाल के लिए उन्हें टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ से हटा दिया गया है। भविष्य में नियुक्ति की कोई गारंटी नहीं है।
Q2. क्या यह गौतम गंभीर के खिलाफ कार्रवाई है?
उत्तर: नहीं, यह गंभीर की भूमिका पर सीधा हमला नहीं है, लेकिन उनकी नियुक्तियों की समीक्षा की जा रही है।
Q3. क्या नए कोचों की नियुक्ति हो चुकी है?
उत्तर: बल्लेबाजी कोच के रूप में सितांशु कोटक को नियुक्त किया गया है, बाकी पदों पर जल्द फैसला होगा।
Q4. क्या खिलाड़ियों ने BCCI से शिकायत की थी?
उत्तर: सूत्रों के अनुसार, कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने स्टाफ के काम करने के तरीके पर असंतोष जताया था।
Q5. इस फैसले का क्या असर पड़ेगा?
उत्तर: इससे टीम में अनुशासन और पारदर्शिता की भावना बढ़ेगी, जिसका सकारात्मक असर प्रदर्शन पर पड़ेगा।