Ahmedabad Plane Crash 12 जून 2025 को दोपहर में, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से टेकऑफ़ के कुछ ही सेकंड बाद Air India की Boeing 787-8 Dreamliner (फ्लाइट AI 171) ने सीट-belts डिसाइज़, चढ़ाई पूरी किए बिना अचानक ऊंचाई खो दी और परिसर में स्थित B.J. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के छात्रावास में जा गिरी।
वाहन में कुल 242 लोग सवार थे—230 यात्री और 12 चालक दल—स्वीट 11A में बैठा एकमात्र जीवित यात्री ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश बच निकला। दुर्घटना स्थल पर विमान की टेल सेक्शन छात्रावास की इमारत की छत में धंस गई थी।
स्थानीय मौसम स्थिर था और दृश्य स्पष्ट था, लेकिन टेकऑफ़ के तुरंत बाद विमान 625 ft की ऊंचाई तक पहुंचा और 30 सेकंड बाद तेजी से नीचे उतरा। विमान ने तुरंत “मैयडे” कॉल भेजा, लेकिन संपर्क टूट गया ।
दुर्घटना — Ahmedabad Plane Crash
टेकऑफ़ से विस्फोट तक का सफर
- फ्लाइट 171 ने मुंबई से दिल्ली होते हुए अहमदाबाद एयरपोर्ट से 12 जून, 2025 को दोपहर 1:38 पर टेकऑफ़ किया।
- केवल 10–30 सेकंड बाद, विमान कुल 190–625 ft की ऊंचाई तक गया, फिर अचानक ढलान लेकर गिर पड़ा।
- भारी जेट ईंधन के कारण जब विमान छात्रावास में गिरा, तो बड़ा विस्फोट हुआ जो आसपास के कई भवनों को क्षतिग्रस्त कर गया ।
अवरुद्ध बचाव प्रयास और पीड़ित
- दुर्घटना के बाद NDRF, IAF, BSF और NSG की टीमों के अलावा स्थानीय अग्निशमन, पुलिस और अस्पताल कार्यकर्ताओं ने बचाव कार्य आरंभ किया।
- 241 यात्रियों की मृत्यु हो गई, जबकि ग्राउंड पर मिट्टी में कम से कम 28 लोगों की जान गई, कुल मृत्यु 269 तथा 61 लोग घायल हुए।
- Student हॉस्टल के कमरों से 50 से अधिक मेडिकल छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, और कम से कम 41 अन्य घायल हुए ।
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया और अस्पताल दौरा
दुर्घटना की सूचना मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तुरंत अहमदाबाद पहुंचे।
सिविल अस्पताल का दौरा
पीएम मोदी सिविल अस्पताल—जिसका परिसर हादसे प्रभावित क्षेत्र के आसपास स्थित था—पहुंचे और वहां घायलों से मिले। मोदी ने कहा कि सरकार पूरी तरह से क्षतिग्रस्तों के साथ है और राज्य व केंद्र मिलकर राहत कार्यों में लगे हैं।
विश्वास कुमार से मुलाकात
मोदी ने दुर्घटना के एकमात्र जीवित बचे यात्री, विश्वास कुमार रमेश से भी मुलाकात की। उन्होंने विश्वास का हौसला बढ़ाया, उसकी सेहत का हाल जानकारी ली और राहत कार्यों में सहयोग देने का आश्वासन दिया।
तकनीकी पहलू और प्रारंभिक जाँच
संभावित तकनीकी गड़बड़ियाँ
प्रारंभिक रिपोर्ट्स यह संकेत कर रही हैं कि टेकऑफ़ के समय फ्लैप्स, लैंडिंग गियर या अन्य एयरक्राफ्ट सेटिंग्स में गड़बड़ी हो सकती है। US NTSB की टीम इंडिया में पहुंच चुकी है और बोइंग भी सक्रिय रूप से जांच में सहयोग कर रहा है।
ब्लैक बॉक्स और क्रू का अनुभव
दुर्घटना स्थल से सभी फ्लाइट रिकॉर्डरों यानी ब्लैक बॉक्स समय रहते बरामद कर लिए गए हैं। विमान के कैप्टन के पास 8,000 घंटे से अधिक अनुभव था, जिससे तकनीकी खराबी की संभावना पर जांच ज़्यादा फोकस रहनी चाहिए ।
राहत, मुआवजा और सरकारी सहायता
प्रभावित परिवारों के लिए राहत
मोदी सरकार और एयर इंडिया (टाटा समूह की सहायक कंपनी) ने मृतकों के परिजनों को प्रारंभिक मुआवजा राशि देने की घोषणा की। घायलों के चिकित्सा खर्च सरकार वहन करेगी ।
हॉस्टल पुनर्निर्माण
कश्मीर कॉलेज हॉस्टल और आसपास की इमारतों क्षतिग्रस्त हो गई थीं। स्थानीय प्रशासन पुनर्निर्माण शुरू कर चुका है, एयर इंडिया और टाटा समूह प्रभाव क्षेत्र को फिर से बहाल करने में अपना योगदान देंगे ।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारत
देशभर में शोक आदर्शन हुआ। पीएम मोदी ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की, राहत एवं पुनर्निर्माण हेतु सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, और समय-समय पर जानकारी देते रहे।
ब्रिटेन और अन्य देशों
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमैन और किंग चार्ल्स III ने भी मृतकों के प्रति सशक्त दुःख व्यक्त किया। ब्रिटिश नागरिक विश्वासकी सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु ब्रिटिश उच्चायोग सक्रिय हुआ, क्योंकि वह अकेले टी 11 A में बचा था।
सुरक्षा चिंताएँ और विमानों की विश्वसनीयता
यह दुर्घटना बोइंग Dreamliner (787) का पहला घातक हादसा थी, और इससे विमान सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े हुए:
- विश्वसनीयता की बहाली के लिए बोइंग और विमानन एजेंसियों को वैश्विक स्तर पर टेकऑफ़ प्रक्रिया, फ्लैप्स सेटअप और लिफ़्ट/फ्यूल मैनेजमेंट जैसे तकनीकी मानकों की पुनः समीक्षा करनी होगी।
- अन्य एयरलाइनों को अतिरिक्त जांच करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
जीवित बचा – विश्वास कुमार रमेश
- 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश, जो ब्रिटिश नागरिक भी हैं, सीट 11A पर बैठे थे। वे विमान के टूटने की स्थिति में बाहर निकले—विशेष रूप से “emergency exit” पास होने के कारण उनकी जान बच सकी ।
- अस्पताल पहुंचने पर प्राथमिक उपचार के बाद उनकी स्थिति स्थिर रही। पीएम मोदी ने उनसे मिलने के बाद कहा कि उनकी बहादुरी सच्ची प्रेरणा है।
अग्रिम कार्यवाही और खोज–जांच
अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई
एनडीआरएफ, बीएसएफ और पीएसी सहित राष्ट्रीय बलों ने क्रैश साइट पर राहत और मरन वाले कार्य तुरंत शुरू किए। बचाव अभियान में आग बुझाने, शवों की पहचान, मेडिकल सुविधा और मृतक परिवारों का संपर्क शामिल था ।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
NTSB (अमेरिका), CAA-UK (UK), और Boeing के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। वे ब्लैक बॉक्स, उड़ान डेटा और टेकऑफ़ रिकॉर्ड की फोरेंसिक जांच कर रहे हैं ।
भविष्य की तैयारी और सिफारिशें
- टेकऑफ़ प्रक्रिया कौशल में सुधार: पायलटों को टेकऑफ़ के दौरान फ्लैप्स, लिफ़्ट और गियर की स्थिति पर अतिरिक्त प्रशिक्षण की आवश्यकता।
- ईंधन प्रबंधन और प्लेटफार्म स्थिति: टेकऑफ़ से पहले ईंधन लोड और विमान स्थिति की पुनः पुष्टिकरण।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया समय बढ़ाना: एयरपोर्ट और आस-पास की चिकित्सा सुविधाओं की आपतकालीन तैयारी और आग पकड़ने की क्षमता बेहतर बनाना।
- स्थानीय भवन डिज़ाइन: एयरपोर्ट के आसपास हॉस्टल और आवासीय इमारतों की संरचना में सुरक्षा सुधार।
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निष्कर्ष
अहमदाबाद विमान दुर्घटना, 12 जून 2025 को हुई, भारतीय हवाई इतिहास की सबसे भयंकर दुर्घटनाओं में से एक है। 242 सवारों में से 241 की मृत्यु हुई, वहीं ग्राउंड पर 28 लोगों की जान गई। पीएम मोदी ने तुरंत राहत कार्यों में भाग लिया और एक मात्र जीवित बचा विश्वास कुमार से भी मिले।
घटना ने टेकऑफ़ प्रक्रियाओं में तकनीकी कमियों, फ्लैप समायोजन, सवारी स्थिति और आपातकालीन जवाबदेही जैसे कई मुद्दों को उभारा। तत्काल कार्रवाई और सचेत निरीक्षण भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं।
सामान्य प्रश्न
1. यह दुर्घटना कितनी भयंकर थी?
- यह भारत की सबसे भयंकर दुर्घटनाओं में से एक थी—241 यात्रियों और 28 ग्राउंड पर मौजूद लोगों की मृत्यु हुई।
2. कितने लोग बच सके?
- केवल एक व्यक्ति, विश्वास कुमार रमेश (Seat 11A), पहले जीवित बचे। वे वर्तमान में अस्पताल में ठीक हो रहे है।
3. पीएम मोदी ने क्या कार्रवाई की?
- पीएम मोदी तुरंत पीड़ितों के पास पहुंचे, अस्पताल गए, घायलों और विश्वास कुमार से मिले और मुआवजा तथा समर्थन की घोषणा की।
4. यह पहला दुर्घटना क्यों है जो Boeing 787-8 में घातक हुआ?
- Boeing 787 Dreamliner की परिचालन में शुरुआत 2011 में हुई थी, और यह दुर्घटना पहली बार किसी Dreamliner में घातक साबित हुई।
5. क्या दुर्घटना की तकनीकी कारणों का अनुमान है?
- शुरुआती जांच से संकेत मिलता है कि टेकऑफ़ के समय फ्लैप्स, लैंडिंग गियर या ट्रस्ट सेटिंग्स में त्रुटि हो सकती है। ब्लैक बॉक्स और डेटा रिकॉर्डर से पूरी जांच चल रही है।